चहल पहल काफ़ी है पर इन्सान दिखाई नहीं देता.
शोरगुल बहुत है पर कुछ सुनाई नहीं देता.
सोचती हूँ, इक ऐनक इक आला खरीद लाऊँ,
शायद किसी के भितर छुपा इन्सान देख पाऊँ
या कुछ अनकही सी बातें सुन पाऊ.
-रुपाली
चहल पहल काफ़ी है पर इन्सान दिखाई नहीं देता.
शोरगुल बहुत है पर कुछ सुनाई नहीं देता.
सोचती हूँ, इक ऐनक इक आला खरीद लाऊँ,
शायद किसी के भितर छुपा इन्सान देख पाऊँ
या कुछ अनकही सी बातें सुन पाऊ.
-रुपाली
Beautifully penned…so meaningful
LikeLiked by 1 person
Thank you Rohit.
LikeLiked by 1 person