माँ ने इक उम्र पति के ऐबों को छुपाते गुज़ार दी,
बेटियाँ अपना पति अपने पिता की तरह “perfect” नहीं,
इस एहसास-ए-कमतरी में गुज़ार रही हैं।
– रुपाली
माँ ने इक उम्र पति के ऐबों को छुपाते गुज़ार दी,
बेटियाँ अपना पति अपने पिता की तरह “perfect” नहीं,
इस एहसास-ए-कमतरी में गुज़ार रही हैं।
– रुपाली
bahut khub…..
LikeLiked by 1 person
Ji koshish jari hai, kuch likh pane ki. Dhanyawwad!
LikeLiked by 1 person
In less words powerful message.
LikeLiked by 1 person
Thank you.
LikeLiked by 1 person